Wednesday, February 23, 2011

GURU VICHAR

गुरु -विचार:-
  1. अपने ह्रदय में "गुरु" स्थापन करना समस्त देवताओं को स्थापन करने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है.:-(ऋग्वेद)
  2. जीवन की सर्वोच्च उपलब्धि भजन -कीर्तन ,पूजा-पाठ  की अपेक्षा "गुरु-पूजन" ही है.:- (गुरु- उपनिषद)
  3. चारों  पुरुषार्थों -धर्म,अर्थ,काम,मोक्ष-की प्राप्ति केवल गुरु-पूजन के द्वारा संभव है.:-(याज्ञवल्क्य)
  4. जीवन की पवित्रता ,दिव्यता, तेजस्विता, एवं परम शांति केवल गुरु-पूजन के द्वारा ही संभव है.:-(ऋषि विश्वामित्र)
  5. "गुरु-पूजा" से बढ़कर और कोई विधि या सार नहीं है.:-(शंकराचार्य)
  6. समस्त भौतिक  एवं आध्यात्मिक  उपलब्धियों का आदर मात्र गुरु-पूजन है.:-(आरण्यक)
  7. जो प्रातः काल गुरु -पूजन नहीं करता ,उसका सारा समय,साधना एवं तपस्या व्यर्थ हो जाती है.:-(रामकृष्ण)
  8. गुरु-पूजा के द्वारा ही "इष्ट" के दर्शन संभव है.:-(गोरखनाथ)
  9. संसार का सार "मनुष्य जीवन" है, और मनुष्य जीवन का सार गुरु-धारण,गुरु-स्मरण एवं गुरु-पूजन है.:-(सिधाश्रम)

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